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Monday, 6 May 2013

राजकीय कालेज की स्थापना हो


असंध। राजकीय कालेज स्थापित करने की असंध इलाके की बरसों से लंबित मांग नए सिरे से जोर पकडऩे लगी है। जनाधिकार चेतना मंच के तत्वावधान में मंचूरी स्थित राजधानी पोलीटेकनीक  में आयोजित एक सेमिनार में पारित एक प्रस्ताव में इलाके के लगभग दो दर्जन गांवों के प्रतिनिधियों ने इस मसले पर आवाज बुलंद करने का संकल्प किया। ग्रामीण विकास में मीडिया की भूमिका विषय  पर आयोजित संगोष्ठी में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष मुख्य  वक्ता  थे। असंध खंड की सरपंच
एसोसिएशन के प्रधान महीपाल राणा ने इस आयोजन की अध्यक्षता की।
मुख्य वक्ता  और रेडियो सिरसा के निदेशक  वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया में गांव और उनकी समस्याओं को वह स्थान व अहमियत नहीं मिल पा रही, जो उन्हें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक भारत आज भी गांव में बसता है। मगर बाजार के दबाव में मुख्यधारा के मीडिया में गांव,गरीब और उनके विकास के  जुडे  मसलों को यथोचित प्रमुखता नहीं मिलती। यह स्थिति चिंताजनक है और मीडियाकर्मियों और  नीति नियंताओं को इस बारे में आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए असंध में कालेज की स्थापना के मुद्दे पर प्रो. चौहान ने कहा कि राज्य सरकार तक इस मामले में इलाके के लोगों की भावनाओं को पंहुचाने का काम स्थानीय नेताओं को करना चाहिए था। शिक्षा किसी भी इलाके और समाज के भविष्य का आधार है और इस मामले में क्षेत्र के लोगों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के अनुसार असंध क्षेत्र के लोगों को एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना के लिए भी सामूहिक प्रयास करने चाहिएं। प्रो. चौहान ने कहा कि सामुदायिक रेडियो आम लोगों के द्वारा लोगों की बोली में चलने वाला लोगों का अपना मीडिया है। यह किसी भी क्षेत्र में विकास की प्रक्रिया को तेज गति प्रदान करने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से उन लोगों को भी अपनी आवाज बुलंद करने का अवसर मिलता है जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो लोगों और प्रशासन के बीच भी संवाद के पुल का काम करता है। उल्लेखनीय है कि चौहान भारतीय सामुदायिक रेडियो संगठन के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
अपने संबोधन में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान महीपाल राणा ने कहा कि सरकारी कालेज की स्थापना असंध की पुरानी व लंबित मांग है। इसकी अनदेखी के कारण इलाके के लोगों में बहुत रोष है और यह मामला अब और नहीं लटकाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर सब लोगों को साझे मंच से आवाज उठानी चाहिए। यह काम जनाधिकार चेतना मंच की अगुआई में भी संपन्न हो सकता है। गोष्ठी में जलमाना के सरपंच सुलतान सिंह,औंगद के सरपंच दिलबाग सिंह राणा व गोंदर के सरपंच राजेंद्र राणा समेत कई गांवों के सरपंच व पूर्व सरपंचों ने अपनी राय रखी। सालवन वेल्फेयर विकास मंच की ओर से पवन कुमार, सुभाष राणा व नरेश राणा ने अपना पक्ष रखा। समारोह के अंत में  प्राचार्य एचएस लाठर ने राजधानी पोलीटे1नीक की प्रबंध समिति की तरफ से मेहमानों का आभार जताया। आयोजन में मंदीप राणा, रमेश राणा व महेंद्र शर्मा सहित इलाके के कई युवा समाजसेवी मौजूद थे।