असंध के एकमात्र पोर्टल पर आपका स्वागत है. ...Join 'College for Assandh Campaign'. .....

Monday, 20 May 2013

धूमधाम से मनाई गई परशुराम जयंती

चोचड़ा।  हर साल की भांति इस वर्ष भी गांव में भगवान परशुराम की जयंती सामूहिक रूप से और हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सुबह गांव-खेड़े पर जमा होकर ग्रामीणों ने सबसे पहले यज्ञ किया। सरपंच महेंद्र शर्मा ने इस आयोजन की अध्यक्षता की। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम ब्रह्मतेज और क्षात्र तेज दोनों की प्रतिमूर्ति थे। उनके जीवन से प्रेरणा लेकर हम सबको अन्याय के खिलाफ संघर्ष के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान परशुराम  और उनके जैसे अन्य महापुरूषों को बिरादरियों तक सीमित करना उनका अपमान है। यह दिव्य विभूतियां और उनके संदेश समूचे देश,समाज और मानवता की धरोहर हैं। ग्रामवासी  संदीप शर्मा ने बताया कि हवन के बाद भंडारे का आयोजन भी हुआ। साथ ही एक कुश्ती प्रतियोगिता भी हुई। इसमें गांव के करीब तीन दर्जन खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया।शर्मा ने बताया कि गाँव में सब बिरादरियों के लोग इस सालाना  समारोह में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है। उन्होंने बताया कि  सरपंच महेंद्र शर्मा ने सत्यवान व अन्य विजेताओं को सम्मानित किया। कार्यक्रम में सभी समुदायों के लोग शामिल हुए। इस अवसर पर राम निवास, रामापाल पांचाल, संदीप शर्मा, कर्मबीर पीटीआई व राजेश आदि भी मौजूद थे।

विकास कार्यों के लिए पैसे की कमी नहीं: सुनील

रीना चौधरी/अंकुश राणा
असंध।
सुनील कुमार कहते हैं कि उनके कार्यकाल में और स्थानीय विधायक के सहयोग के कारण असंध को सीवरेज का तोहफा मिला है। इसका करीब पिचासी प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। सीवरेज डलने के दौरान टूटी गलियों व सड़कों को जनस्वास्थ्य विभाग से मिलने वाले पैसे और पालिका के अपने फंड से साथ साथ ठीक किया जा रहा है। सामुदायिक केंद्रों के निर्माण को भी वे अपने कार्यकाल की उपलबिधयों में शुमार करते हैं।
पालिका अध्यक्ष का कहना है कि उन्होंने कार्यभार संभालने के बाद सफाई व्यवस्था को ठीक करने के लिए खास प्रयास किए हैं। अब ठेकेदार के तीस कर्मचारी नगर की सफाई व्यवस्था को संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसमें अभी सुधार की काफी गुंजाइश है मगर पहले की तुलना में स्थिति काफी सुधरी है। कस्बे को सुंदर बनाने के लिए वे मुख्य मार्गों पर बड़ी लाइटें लगावाने और जल्द से जल्द बड़ा पार्क बनाने की आवश्यकता पर जोर देते हैं। सुनील कुमार के अनुसार पार्क के लिए बहुत जल्द राज्य सरकार को एक प्रस्ताव भेज कर विशेष अनुदान मांगा जाएगा। उनका कहना है कि ऐसे कामों पर अधिक धन व्यय होता है और राज्य सरकार के अनुदान के बिना उन्हें सिरे चढ़ाना संभव नहीं।
एक सवाल के जवाब में पालिका अध्यक्ष ने कहा कि असंध में गरमी के मौसम में भी पीने के पानी की  किगत अमूमन नहीं होती। जन स्वास्थ्य विभाग पिछले कई माह से पुरानी पतली पाइपों के स्थान पर अधिक व्यास की पाइपें लगाने के काम में जुटा है। यह काम पूरा होने पर पानी की आपूर्ति में और सुधार आएगा। असंध में सरकारी कालेज की स्थापना के सवाल पर पालिका अध्यक्ष दावा करते हैं कि विधायक जिले राम शर्मा इसके लिए प्रयासरत हैं और जल्द असंध को यह तोहफा भी मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि जय सिंह पुर में आईटीआई का निर्माण कार्य भी जल्द प्रारंभ होने जा रहा है। उनका दावा है कि चूंकि वे साधारण परिवार से तागुक रखते हैं, इसलिए आम आदकी की समस्याओं को बखूबी समझते हैं। अपने मौजूदा कार्यकाल को बतौर अध्यक्ष वे एक यादगार कार्यकाल बनाने के इच्छुक हैं।
असंध नगर पालिका के अध्यक्ष सुनील कुमार का कहना है कि असंध को सुंदर और स्वच्छ बनाने के लिए वे कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे।  शहर में सीवरेज डलने और सड़कों व गलियों के निर्माण का काम जोरों पर है। बहुत जल्द यह पूरा हो जाएगा और इसके साथ ही धूल-मिट्टी व गड्ढ़ों की समस्या भी दूर हो जाएगी। साप्ताहिक जन सरोकार से विशेष बातचीत में सुनील कुमार ने दावा किया कि असंध नगर पालिका के पास विकास कार्यों के लिए पैसे की कोई किगत नहीं है। चालू वित्त वर्ष का बजट लगभग पचास लाख रूपये का है। विधायक जिले राम शर्मा के प्रयासों से विकास के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार से पर्याप्त अनुदान मिला है।

Friday, 10 May 2013


ड्रैगन की दादागिरी के सामने दिल्ली की दरियादिली ....

वीरेंद्र सिंह चौहान 

कई सप्ताह तक हमारी जमीन पर तंबू गाड़कर दादागिरी दिखाने वाले चीनी आखिर अपना सामान समेट कर वापस लौट गए हैं। वे कितना पीछे लौटे हैं, इसको लेकर अभी परस्पर विरोधी खबरें आ रही हैं। एक सूचना उनके दोनों देशों के बीच की वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लौट जाने की है। दूसरी रिपोर्ट कहती है कि ड्रेगन के सशस्त्र दूत अभी सरहद के इस ओर ही हैं। जमीनी सच्चाई जो भी हो, दोनों देशों की ओर से आधिकारिक बयान यही आए  हैं कि सीमा पर कायम रही तनातनी कूटनीतिक संवाद के सहारे दीर्घकालिक हितों के मद्देनजर समाप्त कर दी गई है। 
दिल्ली दरबार द्वारा इस कथित कामयाबी पर डींग न हांका जाना सुखद है। पर कुछ सवाल हैं जिनके जवाब अभी तलाशे जा रहे हैं। एक बड़ा सवाल यह है कि संकट सचमुच टल गया है या अभी कायम है? हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा लगाते-लगाते पंडित नेहरू की पीठ में छुरा घोंपने वाले चीनियों पर आखिर कितना भरोसा किया जा सकता है? प्रश्र यह भी है कि चीनी पीछे हटे हैं तो किस शर्त या कीमत पर ? चीनियों को जानने-समझने वाले कह रहे हैं कि वे पीछे हटे हैं तो तय मानिए कि कहीं न कहीं कुछ ऐसा घटित हुआ है जो भारत के लिए घाटे का सौदा होगा।
बहरहाल,चीनी अपने तंबू उखाड़ कर पीछे हटे हैं, इस तथ्य पर विवाद नहीं है। वे कितना पीछे गए हैं, इस पर भारत सरकार को देशवासियों के सामने सही तथ्य बिना समय गंवाए प्रस्तुत करने चाहिएं। चीन ने पीछे हटने के लिए हमारे कूटनीतिज्ञों या वार्ताकारों के जरिए क्या  कीमत वसूली है, यह भी देश को बताया जाना चाहिए। वरना उन कयासों को ही बल मिलेगा जिनमें आशंका जताई जा रही है कि लद्दाख की सीमा पर हुए ताजा विवाद में भारत ने कुछ न कुछ खोया अवश्य है। चिंताजनक बात यह है कि दिल्ली आज भी इस मसले पर रहस्यमयी-सी चुप्पी साधे हुए है।

Tuesday, 7 May 2013

धरोहर का स्मरण .....अमर उजाला से साभार

पृथ्वीराज चौहान के किले का भ्रमण 
तत्परता कार्यक्रम के तहत स्कूली बच्चे पहुंचे, जानकारियां जुटाईं
अमर उजाला ब्यूरो
तरावड़ी। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में मंगलवार को कक्षा तत्परता कार्यक्रम के तहत इतिहास के विद्यार्थियों ने तरावड़ी स्थित पृथ्वीराज चौहान के ऐतिहासिक किले और शीशगंज गुरुद्वारे का भ्रमण किया। प्रधानाचार्य संतोष बैरागी की अध्यक्षता में सभी बच्चे पृथ्वीराज चौहान केे ऐतिहासिक किले में पहुंचे और किले के बारे में रोचक जानकारियां हासिल कीं। छात्र-छात्राओं को संतोष बैरागी ने मोहम्मद गौरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुए युद्ध के बारे में भी जानकारी दी।
अध्यापक अनीता सिंह और सूमा ने छात्र-छात्राओं को बताया कि तरावड़ी शहर का जिक्र अकसर इतिहास के पन्नों में आता हैं। उन्होंने बताया कि पृथ्वीराज चौहान का यह ऐतिहासिक किला शहर में 800 वर्ष पुराना है। इसके अलावा बच्चों को शीशगंज गुरुद्वारे का भी भ्रमण कराया गया। गुरुद्वारे में सभी बच्चों ने माथा टेका और मन्नत मांगी। इस मौके पर दिव्या, गायत्री, सोनिया, सूमा, अनीता के अलावा अन्य अध्यापक के साथ-साथ सभी विद्यार्थी मौजूद रहे।

Dainik Jagran


दैनिक हरिभूमि की एक रिपोर्ट



असंध के गाँव मंचूरी में आयोजित गोष्ठी का दृश्य 

Monday, 6 May 2013

राजकीय कालेज की स्थापना हो


असंध। राजकीय कालेज स्थापित करने की असंध इलाके की बरसों से लंबित मांग नए सिरे से जोर पकडऩे लगी है। जनाधिकार चेतना मंच के तत्वावधान में मंचूरी स्थित राजधानी पोलीटेकनीक  में आयोजित एक सेमिनार में पारित एक प्रस्ताव में इलाके के लगभग दो दर्जन गांवों के प्रतिनिधियों ने इस मसले पर आवाज बुलंद करने का संकल्प किया। ग्रामीण विकास में मीडिया की भूमिका विषय  पर आयोजित संगोष्ठी में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष मुख्य  वक्ता  थे। असंध खंड की सरपंच
एसोसिएशन के प्रधान महीपाल राणा ने इस आयोजन की अध्यक्षता की।
मुख्य वक्ता  और रेडियो सिरसा के निदेशक  वीरेन्द्र सिंह चौहान ने कहा कि प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया में गांव और उनकी समस्याओं को वह स्थान व अहमियत नहीं मिल पा रही, जो उन्हें मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वास्तविक भारत आज भी गांव में बसता है। मगर बाजार के दबाव में मुख्यधारा के मीडिया में गांव,गरीब और उनके विकास के  जुडे  मसलों को यथोचित प्रमुखता नहीं मिलती। यह स्थिति चिंताजनक है और मीडियाकर्मियों और  नीति नियंताओं को इस बारे में आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए असंध में कालेज की स्थापना के मुद्दे पर प्रो. चौहान ने कहा कि राज्य सरकार तक इस मामले में इलाके के लोगों की भावनाओं को पंहुचाने का काम स्थानीय नेताओं को करना चाहिए था। शिक्षा किसी भी इलाके और समाज के भविष्य का आधार है और इस मामले में क्षेत्र के लोगों को एकजुट होकर काम करना चाहिए।
चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार की योजना के अनुसार असंध क्षेत्र के लोगों को एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन की स्थापना के लिए भी सामूहिक प्रयास करने चाहिएं। प्रो. चौहान ने कहा कि सामुदायिक रेडियो आम लोगों के द्वारा लोगों की बोली में चलने वाला लोगों का अपना मीडिया है। यह किसी भी क्षेत्र में विकास की प्रक्रिया को तेज गति प्रदान करने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से उन लोगों को भी अपनी आवाज बुलंद करने का अवसर मिलता है जिनकी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने कहा कि सामुदायिक रेडियो लोगों और प्रशासन के बीच भी संवाद के पुल का काम करता है। उल्लेखनीय है कि चौहान भारतीय सामुदायिक रेडियो संगठन के राष्ट्रीय महासचिव भी हैं।
अपने संबोधन में सरपंच एसोसिएशन के प्रधान महीपाल राणा ने कहा कि सरकारी कालेज की स्थापना असंध की पुरानी व लंबित मांग है। इसकी अनदेखी के कारण इलाके के लोगों में बहुत रोष है और यह मामला अब और नहीं लटकाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मसले पर सब लोगों को साझे मंच से आवाज उठानी चाहिए। यह काम जनाधिकार चेतना मंच की अगुआई में भी संपन्न हो सकता है। गोष्ठी में जलमाना के सरपंच सुलतान सिंह,औंगद के सरपंच दिलबाग सिंह राणा व गोंदर के सरपंच राजेंद्र राणा समेत कई गांवों के सरपंच व पूर्व सरपंचों ने अपनी राय रखी। सालवन वेल्फेयर विकास मंच की ओर से पवन कुमार, सुभाष राणा व नरेश राणा ने अपना पक्ष रखा। समारोह के अंत में  प्राचार्य एचएस लाठर ने राजधानी पोलीटे1नीक की प्रबंध समिति की तरफ से मेहमानों का आभार जताया। आयोजन में मंदीप राणा, रमेश राणा व महेंद्र शर्मा सहित इलाके के कई युवा समाजसेवी मौजूद थे।